कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाईयां — हां या ना..

न ही तो मैं इस प्रश्न का उत्तर दे पाने के लिए क्वालीफाईड हूं और न ही इस के बारे में किसी तरह का विशेष ज्ञान अथवा अनुभव है लेकिन फिर भी एक साफ़ सी तस्वीर तो सामने रख ही सकता हूं जिस के लिए मैं प्रोफैशनली ओवर-क्वालीफाइड भी हूं।

पिछले कईं महीनों में कईं बार इन कोलेस्ट्रोल कंट्रोल दवाईयों जिन्हें स्टेटिंस भी कहते हैं, काफी कुछ नेट पर देखने-पढ़ने को मिला।

आज सुबह टाइम्स ऑफ इंडिया में इस खबर का शीर्षक दिखा…. Wonder drug statin saves 40-plus diabetics from all heart troubles. इसे देखते ही मुझे दा हिंदु के एक आर्टीकल का ध्यान आ गया जो मैंने लगभग तीन सप्ताह पहले देखा था..वह पेपर अभी मेरी स्टडी-टेबल पर ही पड़ा हुआ था। उस का शीर्षक यह है .. A plant poison becomes a money spinner.  

यह जो दा हिंदु वाला आर्टीकल है, इसे प्रोफैसर बी एम हेगड़े ने लिखा है जो देश के एक प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ और मनीपाल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस-चांसलर हैं…. इन्होंने इन दवाईयों की अच्छी पोल खोली है और अपने जीवन भर का अनुभव इस में शेयर कर दिया है।

प्रोफैसर हेगड़े के आर्टीकल के नीचे एक पैराग्राफ है जिसे मैं यहां हिंदी में लिखना चाहता हूं..

स्टेटेंस नामक दवाईयां एक बहुत बड़े उस षड़यंत्र का हिस्सा हैं जिस का उद्देश्य पब्लिक को बेवकूफ बनाना और उन की सेहत खराब करने है। सच्चाई यह है कि अधिकांश अध्ययनों से पता चला है कि ऐसे पुरूष उन महिलाओं की तरह दिल की बीमारी से ज्यादा मरते हैं अगर उन का कोलेस्ट्रोल लेवल नीचे होता है। फिर भी डाक्टर विश्व भर में करोड़ों पुरूषों को कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाईयों के नुस्खे लिखने में व्यस्त हैं…    Campbell -Mcbride

मैं अकसर सोचता हूं कि लोगों के लिए सही डाक्टर का चुनाव करना वैसे ही कितना मुश्किल है ..है कि नहीं, हम सब जानते हैं पब्लिक एकदम कँफ्यूज है। छोटी से छोटी तकलीफ़ के लिए १०-१२ हज़ार के टेस्ट और वह भी किसी विशेष लैब से … क्या कहें…….ऊपर से इस तरह की खबरें जो बिल्कुल विपरीत बात कहती हैं …….पब्लिक के लिए निर्णय लेना कितना मुश्किल होता है।

तस्वीर सामने रखना मेरा काम है और वह मैंने कर दिया .. आखिर निर्णय लेगा कौन, मैं भी तय नहीं कर पा रहा हूं लेकिन मैं प्रोफैसर हेगड़े के आर्टीकल को ज्यादा विश्वसनीय मानता हूं …यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं …आप इस मामले में मेरे ओपीनियन से कृपया प्रभावित न हों, एक बार फिर से कह रहा हूं यह एक क्वालीफाइड ओपीनियन नहीं है. मुझे लगता है जैसे मैंने यह लिख कर अपना पल्ला झाड़ लिया है ……..लेकिन और कर भी क्या सकता हूं……….please find out your own answer!  करोड़ों अरबों रूपयों की ये दवाईयां बिक रही हैं।

Take care.. wish you pink of health…….

 

Leave a comment